चोटी की पकड़–6

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बुआ पसीने-पसीने हो गईं।  कोई नहीं उठीं, उनकी बहू को भी यह सीख नहीं दी गई।  पद की मर्यादा सर हो गई। चुपचाप दो रुपए निकाले और बहू की निछावर करके ...

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